Thursday, July 18, 2013

मुक्तक






जिनके आशीष    से  मुस्कराता हूँ मै
ख्वाब    जीवन के सारे  सजाता हूँ मैं
बाद में  सारे रिस्ते    भी   स्वीकार हैं
पहले   माँ-बाप दिल में बिठाता हूँ मैं

दुर्गेश अवस्थी "आँचल"
https://www.facebook.com/DurgeshAwasthiAanchal
Email: durgesh.ram@gmail.com
Mobile: 078360 99366

Tuesday, June 25, 2013

माँ तुम कर लो मुझ से प्यार



माँ तुम  कर लो मुझ से प्यार
मातु तुम्हारा है मेरी हर धड़कन पर अधिकार
१)
आस लगाये बैठा हूँ
, माँ तुम जल्दी  आ जाओ 
बाँहें मेरी  बिलख रहीं हैं
, मुझको  गले लगाओ
मुझको नींद नहीं आती है
,  लोरी मुझे सुनाओ
मुझको फिर वापस कर दो माँ सपनों का संसार
             माँ तुम  कर लो मुझ से प्यार
२)
हर पल हर दिन रातों रातों माँ  की याद सताए
साँसों ने माँ सिर्फ तुम्हारे ही अनगिन गुण गाये
मातु  तुम्हारे  बेटे क्यूँकर इतना समझ न पाये  
माँ ही तीरथ  माँ ही गंगा  माँ ही है  हरिद्वार
              माँ तुम  कर लो मुझ से प्यार
३)
मातु तुम्हारा बालक हूँ मैं
, भोला मूरख अंजाना
माँ जाने क्या बात हुई जो  दुश्मन बना जमाना
माँ तुमसे विनती हैं इतनी मुझको छोड़ न जाना
मुझ पर कृपा  बनाये रखना , करना ये उपकार
              माँ तुम  कर लो मुझ से प्यार

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दुर्गेश अवस्थी "आँचल"
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Monday, June 24, 2013

बेटियाँ



चूड़ियों   की  तरह   खनकतीं बेटियाँ 
आप की  गोद में     चहकतीं बेटियाँ
घर के मधुवन में देखो ज़रा गौर से
इक कली की तरह   महकतीं बेटियाँ 




दुर्गेश अवस्थी "आँचल"
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